नलगोंडा

नलगोंडा जिला ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है| नाला का अर्थ काला और गोंडा का अर्थ पहाड़ी है| यह सातवाहन, राष्ट्रकूट, इशवाकुलु, विष्णुकुंडिनी, काकतीय, चालुक्य, पद्मनायका, कुतुब शाही, आसफ जाही सहित आधुनिक राजनीतिक शासन का एक संग्रहालय है। तेलंगाना राज्य का नलकोंडा 1 नबम्बर, 1956 को नलकोंडा जिला आन्ध्र प्रदेश का हिस्सा बन गया यानी राज्यो के पुनर्गठन के बाद| इसे पहले नीलगिरी (ब्लू हिल) के नाम से जाना जाता था| इसका इतिहास पुरापाषाण युग का है| पुरापाषाण युग ने मनुष्य के अपने उपकरणों और हथियारों को सुविधाजनक आकार के कठोर पत्थरो को काटकर बनाया| इस जगह का कई शासक राजवंशो के लिए सत्ता का केन्द्रबिंदु रहा है इसका राजनीतिक इतिहास मौर्यों के आगमन के साथ शुरू होता है लेकिन पुरापाषाण युग में इसका अस्तित्व का स्थायित्व हो गया है| जिले के उत्तर मे मेदक और वारंगल जिले, दक्षिण मे गुंटूर और महबूबनगर जिले, पूर्व मे खम्मम और कृष्णा जिले और पश्चिम मे महबूबनगर और रंगारेड्डी जिले है| मुख्य रूप से तेलुगु बोली जाने वाली अन्य लोकप्रिय भाषाओ मे लमानी उर्दू, येरुकाला, तमिल, हिंदी, बंजारा, मराठी, मलयालम, कन्नड़, है, पंजाबी, गुजराती, उड़िया और नेपाली शामिल है। क्षेत्र मे प्रचलित प्रमुख धार्मिक मान्यताएं हिन्दू धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म है|
नलगोंडा क्यों जाए
धार्मिक स्थलो , मंदिर |
नलगोंडा के पर्यटन, दर्शनीय स्थल
- मट्टमपल्ली
- यदागिरिगुट्टा
- वाडापल्ली
- कोलानुपका
- सुनकिशला
- पंगल गजुलाबांडा
- येलश्वरम
- फानीगिरि
- नागार्जुन सागर
- सनकिशला मन्दिर और सोमालिंगेश्वर स्वामी मन्दिर
- एथिपथला जलप्रपात |