बारगढ़

Visitor information
- के लिए प्रसिद्ध: त्यौहार, मंदिर, इतिहास।
- प्रमुख आकर्षण: नृसिंहनाथ मंदिर।
- निकटवर्ती स्थान: संबलपुर, बलांगीर, रायपुर।
- आदर्श यात्रा का समय: एक दिन से भी कम।
बरगढ़ का इतिहास ओडिशा में चौहान वंश की कला और वास्तुकला को दर्शाता है इसको चौहान वंश द्वारा निर्मित किलो से मध्यकालीन इतिहास मिला यह 11वीं शताब्दी ईस्वी के एक शिलालेखों से यह माना जाता है कि इस स्थान का मूल नाम ‘बह्गर कोटा, था| संबलपुर जिले के चौहान राजा बल रामदेव ने ‘बरगढ़’ नाम से इस प्रान्त पर शासन किया|पुराने किले की दीवारों को अम्बपाली के विमान की ओर ‘जीरा नदी, के पास से देखा जा सकता है अंतिम चौहान राजा ने नारायण दास बलूची दास के पुत्र ‘माउफी’ फ्री हॉल मे यह स्थान दिया जिसे गोंड द्वारा कार्रवाई में मारे गए थे जिले के एक अन्य भाग जिसे ‘बोरसंबर’ कहा जाता है यह पूर्व मे जमीदारी का मुख्यालय था जो 2178 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ था इसका इतिहास बताता है कि लोगों की जीवन शैली को थोड़े समय के लिए परिभाषित करने में बौद्ध धर्म की भूमिका थी|
1 Narasimha Nath
बरगढ़ जिले में कई ऐतिहासिक स्थान और स्मारक है जो जिले के ऐतिहासिक घटनाओं को बयान करते हैं नरसिंहनाथ और असतसंभू जैसे मंदिर है जिन्हें जिले में शासकों के ऐतिहासिक प्रभाव मिले हैं
2 Gangadhar Mehr
यह शहर को पौराणिक वीर सुरेंद्र साई के लिए भी जाना जाता है जिन्होंने देवगढ़ से अंग्रेजो के खिलाफ अपने युद्ध का नेतृत्व किया जो बारह पहाड़ रेंज पर एक चोटी है!
3 Parvati Giri
उन स्वतंत्रा सेनानियों में शामिल है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था महात्मा गांधी के भारत छोड़ो के आह्वान के बाद जब वह आंदोलन में सबसे आगे थी|
4 Padma Shri Kritha Acharya
पद्मश्री कृतार्थ अचार्य ने देश के अंदर और बाहर ‘’टाई और डाई’’ पद्धति के आधार पर संबलपुरी डिजाइन फैब्रिक बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई जिन्होंने देश और विदेश में संबलपुरी कपड़ों का शानदार शैली को समुंद्र और गौरवशाली बनाने का प्रयास किया है।
बारगढ़ क्यों जाए
त्यौहार, मंदिर, इतिहास |
बारगढ़ के पर्यटन, दर्शनीय स्थल
- देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
- नृसिंहनाथ मंदिर
- Gandhamardan
- नृसिंहनाथ झरने Papaharini
- चलधर झरना
- पपंगा हिल|