महासमुंद

कभी सोमावंसिया सम्राटो के शासन मे रहा महासमुंद्र पारंपरिक कला और संस्क्रती का एक केन्द्र है| महासमुंद्र छत्तीसगढ़ के मध्य पूर्वी हिस्सा मे है| यह क्षेत्र चुना पत्थर और ग्रेनाइट चट्टानो से भरा पड़ा है| छत्तीसगढ़ के जिलो का नाम रायगढ़ और रायपुर है और उड़ीसा के जिलो का नाम नवापारा और बरगाह सीमा महासमुंद्र है| इसके प्रमुख आकर्षण शानदार घने जंगल है इन जंगलो मे रहने वाले विविध वन्यजीव और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व के प्रसिद्ध पुरातन स्थान है| यह जिला अपनी ऐतिहासिक संस्क्रती और परंपरा के लिए प्रसिद्ध है यहाँ कई मंदिर है| और उनकी प्राक्रतिक सुन्दरता आगंतुको को मंत्रमुग्ध कर देती है| खूबसूरत नक्काशी यहाँ के मंदिरो को डीजाइन करती है| ये स्थल आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और कलात्मक उद्देश्यो के लिए जाने लायक है।
2. culture of mhasamundra
कई जनजातियाँ जैसे बहलियाँ, हल्बा, मुंडा, सोनार, संवारा, पारधी आदि इस क्षेत्र मे रहते है| जनजातीय संस्क्रती, आदिवासी मेलो और त्योहार यहाँ से रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न हिस्सा है| यहाँ के लोगो का पहनावा एकदम पारम्परिक है पुरुष धोती, कुर्ता, पगड़ी और चमड़े का जूता अतः भंदायी पहनते है और महिलाएं साड़ी पहेनती है अत्करिया पारंपरिक जूते है।बिछिया, करधन या कमर बंद, पर्पत्ति या कोण बैंड, फूली या चांदी की बालियो जैसे गहने यहाँ की महिलाएं पहनती है।त्योहारो को धूम धाम से मनाना उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्राक्रतिक स्थलो से सुसज्जित महासमुंद्र आपको पहली नजर मे आकर्षित करता है चाहे वह देदीप्यमान जंगल हो या सदियो पुरानी विरासत, महासमुंद आपको पूरी तरह से अलग दुनिया मे पहुंचाता है।महासमुंद मे और आसपास पर्यटको के आकर्षण मे, लक्ष्मण मंदिर, भाम्हिनी की स्वेत गंगा, आनंद प्रभु कुडी विहार, खाल्लारिमाथा मंदिर, घुधरा ( दलदली ), चंडी मंदिर ( गुछापाली), चंडी मंदिर ( बिरकोनी ) स्वास्तिक विहार, गंधेस्वर मंदिर, खल्लारी माता मंदिर आदि है।
महासमुंद क्यों जाए
शानदार घने जंगल , कई मंदिर |
महासमुंद के पर्यटन, दर्शनीय स्थल
- लक्ष्मण मंदिर
- भाम्हिनी की स्वेत गंगा
- आनंद प्रभु कुडी विहार
- खाल्लारिमाथा मंदिर
- घुधरा ( दलदली )
- चंडी मंदिर ( गुछापाली)
- चंडी मंदिर ( बिरकोनी ) स्वास्तिक विहार
- गंधेस्वर मंदिर
- खल्लारी माता मंदिर |